पाइल्स को हेमोरॉयड या बवासीर भी कहा जाता है | यह एक ऐसी बीमारी है जिससे पीड़ित मरीज़ को काफी दिक्क्तों का सामना करता है | बवासीर गुदो के अंदर, बाहरी हिस्से में और मलाशय के नीचे हिस्से में सूजन होती है | जिस वजह से उस जगह में मस्से बन जाते है | यह मस्से कभी अंदर को चले जाते है या तो कभी बाहर की तरफ उभर कर नज़र आते है | यह समस्या 100 में से कम से कम 60 प्रतिशत लोगो की किसी न किसी उम्र में ज़रुर होती है | इसलिए इस समस्या का सही समय में उपचार करना बेहद आवश्यक होता है, यदि सही समय पर इलाज न करवाया गया तो यह आगे जाकर बहुत बड़ी बीमारी का कारण बन सकता है |
बवासीर कितने प्रकार के होते है ?
बवासीर चार प्रकार के होते है :-
- ग्रेड I :- आमतौर पर यह बवासीर गुदो की परत के अंदर देखा जाता है | यह बवासीर छोटे होते है क्योंकि इनमे सूजन कम होती है |
- ग्रेड II :- ये बवासीर ग्रेड I के मुकाबले आकर में बड़ा होता है और यह गुदे के अंदर स्थित होता है | हालाँकि के खुद ही अंदर को चले जाते है लेकिन मल त्यागने के दौरान बाहर की ओर नज़र आते है |
- ग्रेड III :- इस बवासीर को अक्सर प्रोलैप्सड बवासीर के नाम से भी जाना जाता है | इन्हे गुदो के बाहर या मलाशय में लटकते हुए महसूस किया जा सकता है |
- ग्रेड IV :- बाकी तीनो ग्रेड की तुलना में यह बवासीर सबसे अधिक होता है और यह आमतौर पर गुदो के बाहर पाया जाता है | इस समस्या को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता औ इसके उपचार की तुरंत आवश्यकता होती है |
बवासीर के लक्षण क्या है ?
- मल त्यागने के दौरान चमकीला लाल रक्त भी दिखाई देना और तीव्र दर्द होता है |
- बवासीर से पीड़ित के गुदो के आस-पास क्षेत्र में दर्दनाक, लाल और खुजली होने लगता है |
- मल त्यागने दौरान पीड़ित को ऐसा लगता है जैसे उसकी आंते अभी भी भरी हुई है |
- पीड़ित व्यक्ति के गुदो के आस-पास एक दर्दनाक और सख्त गांठ महसूस होती है |
- खुनी बवासीर को थ्रोम्बोस्ड बाहरी बवासीर के रूप से भी जाना जाता है |
इलाज के लिए चिकित्सक के पास कब जाये ?
यदि आपको मल त्यागने दौरान ब्लीडिंग होती है तो घरेलू उपाय करने के बजाए चिकित्सक के पास जाकर अच्छे से इलाज करवाएं | इसके लिए आप यूनियन सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल का चयन कर सकते है | यहाँ के डॉक्टर अंकुश जैरथ उरोलोजिस्त में एक्सपर्ट है |