पहले के दौर में मिट्टी का तेल समेत पेट्रोलियम के अन्य उत्पाद को मेडिकल समस्याओं में इलाज के रूप रूप में किया जाता था, जैसे की यदि किसी व्यक्ति को शरीर के किसी भी हिस्से में खरोंच या फिर कट पड़ता था, तो मिट्टी के तेल को एंटीसेप्टिक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था | इसके साथ ही मिट्टी के तेल को वर्म इन्फेक्शन में भी लोशन के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था | लेकिन विज्ञान ने इस बात का खुलासा किया है की प्राचीन काल में उपयोग होने वाले कई नुस्खे जानलेवा है | लेकिन क्या मिट्टी के तेल से बवासीर का इलाज किया जा सकता है ? आइये जानते है :-
क्या मिट्टी का तेल कर सकता है बवासीर का इलाज ?
यूनियन सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर नवदीप सिंह, जो की प्रॉक्टोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट है, उन्होंने यह बताया कि मिट्टी के तेल का उपयोग केवल पेट्रोलियम से जुड़े उत्पादों में किया जाता है, इस तेल का बवासीर के इलाज के साथ कोई संबंध नहीं है, क्योंकि मिट्टी का तेल उपयोग करने से शरीर को भारी नुकसान पहुंच सकता है और कई बार इसे उपयोग करने वाले व्यक्ति की जान भी जा सकती है | एक स्टडी के दौरान यह रिपोर्ट सामने आयी है की मिट्टी का तेल उपयोग करने वाले रोगियों की मौत हो जाती है |
मिट्टी का तेल एक तरह का जहरीला हाइड्रोकार्बन होता है, जिसे अक्सर लोग अपनी त्वचा में लगाकर, इसे सूंघते है या फिर इस तेल को पीकर बवासीर का इलाज करने का प्रयास करते है | ज्यादातर ऐसे नुस्खों का इस्तेमाल ग्रामीण में रहने वाले व्यक्ति द्वारा ही किया जाता है | जिस कारण उन व्यक्तियों को मिट्टी के तेल से होने वाले दुष्प्रभावों से गुज़ारना पड़ जाता है |
काफी लम्बे समय से मिट्टी के तेल साथ संपर्क रखने से तंत्रिका तंत्र में दुष्प्रभाव, प्रतिरक्षा तंत्र के कार्य में कमी, ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की समस्या, अस्थमा, इनफर्टिलिटी, एलर्जी, गर्भपात, और भी ऐसी कई तरह के विकार इस तेल को उपयोग करने वाले व्यक्तियों में देखे गए है |
मिट्टी का तेल उपयोग करने से शरीर पर कौन-कौन से दोष प्रभाव पड़ सकते है ?
यदि मिट्टी के तेल से बवासीर का इलाज करने की कोशिश की जाती है तो इससे निम्नलिखित दुष्प्रभाव पड़ने का जोखिम कारक बढ़ सकता है जैसे की :-
- इंजेक्शन के माध्यम से मिट्टी का तेल को बवासीर के मस्से में डालने से व्यक्ति का खून दूषित हो सकता है, जिसकी वजह से ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंच सकता है, प्रभावित क्षेत्र के टिश्यू मर सकती है और इन्फेक्शन जैसे गंभीर और जानलेवा जटिलताएं हो सकती है |
- यूरिन रिटेंशन की समस्या
- फुट ड्राप यानी पैर के तलवे में ताकत न रहना
- पेरोनियल नर्व पैरालिसिस
- त्वचा में जलन और लालिमा की समस्या उत्पन्न होना
- इस तेल के इस्तेमाल से त्वचा चिड़चिड़ी, शुष्क और फट भी सकती है |
अधिकतर लोग डॉक्टर के पास बवासीर का इलाज करवाने के लिए तब जाते है जब अलग-अलग नुस्खों को अपनाने के बाद भी उनकी स्थिति में किसी भी प्रकार का सुधार नहीं आता, लेकिन तब तक बवासीर का ग्रेड सामान्य से अधिक हो चुका होता है | इसलिए लक्षणों का पता लगते ही पीड़ित व्यक्ति को बवासीर का निदान करने के लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ताकि सही समय पर बवासीर का इलाज हो सके, क्योंकि गंभीर स्थिति में बवासीर के सफल इलाज होने के अवसर बहुत ही कम होती है |
यदि आप में से कोई भी व्यक्ति बवासीर की समस्या से पीड़ित है और स्थायी रूप से इलाज करवाना चाहता है तो इसमें यूनियन सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के पास प्रॉक्टोलॉजिस्ट में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की बेहतरीन टीम है, जो पीड़ित मरीज़ों का स्थायी रूप और सटीकता से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही यूनियन सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट में दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |